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Sunday, September 26, 2010

मैं परिणिता हूं....


कहानी

सोमवार की ओम् स्वर से गूंजती, वह सुबह। जो हमेशा की तरह पवित्रिक और ओजस्वपूर्ण वातावरण से पूरे हरिद्वार को महका रही थी पर कहीं न कहीं उस रोज किसी के आने की कशिश ने अंबिका के दिल में उस वातावरण को और सुंगधित कर दिया था जितनी महक तो शायद असंख्य फूलों और अगरबत्तियों के मिलन पर भी न हो। उस दिन पूरे रोज अंबिका ने महेश के इंतजार से खुद के संवारना और निखारना ही अपना उद्देश्य समझा था जैसा वह उसे देखना चाहता था। छोटी दादी और कानपुर वाली मौसी की सेवा करते-करते भी वह इतना न थकी होगी। जितना उस रोज महेश के लिए पकवान बनाते-बनाते उसके हाथ थक गए थे..............read morehttp://bit.ly/bYvC1T

Thursday, September 23, 2010

हाई रिस्क प्रेगनेंसी


कई बार प्रेगनेंसी के दौरान कुछ ऐसा हो जाता है,मां बनने की खुशी अधुरी रह जाती है। आपकी इस खुशी पर दुख का साया भी न पड़े इसके लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए बेहतर होगा कि हाई रिस्क प्रेगनेन्सी के बारे में जान लें।..........READ MORE Pls visit our website htt

Wednesday, September 22, 2010

राष्ट्रीय महिला आयोग


राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन राष्टीय आयोग के तहत जनवरी 1992 में, एक संवैधानिक निकाय के रूप में किया गया था। यह अधिनियम संख्या 20 के तहत पार्लियामेंट द्वारा 1990 में पारित की गई थी। महिला आयोग का काम महिलाओं के संवैधानिक हित और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू करना होता है। वह महिलाओं के सुरक्षा हित को देखते हुए कई मामलों में स्वत: संज्ञान ले सकती है। यहां हम आपकी सुविधा के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग के पते और फोन नंबर दे रहे हैं। आप अपनी शिकायत यहां दर्ज करवा सकती हैं। read more visit our website http://merisakhi.in

Tuesday, September 21, 2010

ल्यूकोरिया की न करें अनदेखी


ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर या vaginal discharge) महिलाओं में होने वाली एक आम शिकायत है। ल्यूकोरिया (vaginal discharge) के लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। यह रोग हर उम्र की महिलाएं(कुंवारी या शादीशुदा) को हो सकता है। कई बार अत्यधिक शर्म की वजह से ल्यूकोरिया से ग्रस्त लड़कियां या महिलाएं इसे किसी को बताती नहीं है जिसकी वजह से यह रोग और बढ़ जाता है। सामान्यत: ल्यूकोरिया बहुत ज्यादा पोषण की कमी और ताकत से ज्यादा थकाने वालो कामों की वजह से होता है पर कई बार ये दिमागी परेशानी से भी हो सकता है। हालांकि श्वेत प्रदर को पोषण की कमी को दूर कर, अपनी लाइफ स्टाइल को सुधार कर काबू पाया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और इलाज के बारे में-

नौनिहालों की करें सही देखभाल


शिशु अपनी परेशानी बयां नहीं कर सकता। अगर उसे कोई परेशानी हो तो वह रो कर ही अपनी परेशानी कह सकता है। एक मां ही होती हैं जो बच्चे के रोने की वजह समझ पाती हैं कि आखिर वह रो क्यों रहा है कहीं उसे कोई परेशानी तो नहीं! दरअसल नवजात शिशु की सही देखभाल करना बहुत जरूरी है। हंसता-खेलता और स्वस्थ बच्चा सभी को अच्छा लगता है। शारीरिक रूप से कमजोर और रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होने से बच्चे विभिन्न रोगो के शिकार बन जाते हैं। Read more-

महिला कैडेट दिव्या "सोर्ड ऑफ ऑनर" से सम्मानित


सेना में सॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल करने का सम्मान नसीबवालों को ही मिलता है। खासकर महिला इस सम्मान से हमेशा से वंचित थी। लेकिन 21 साल की दिव्या अजित कुमार ने सॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया है। चेन्नई की ऑफीसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में एक समारोह में 21 साल की दिव्या अजित कुमार को सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह सॉर्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। Read more- http://bit.ly/9z1yV4

Friday, April 9, 2010

गर्भावस्था में व्यायाम से बच्चे होते हैं स्वस्थ


गर्भावस्था में हल्का व्यायाम होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। दरअसल गर्भावस्था में हल्का व्यायाम करने से गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन नियंत्रित हो सकता है। यह अध्ययन ऑकलैंड और उत्तरी ऐरिजोना विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से किया गया। अध्ययन का नेतृत्व डॉ पॉल हॉफमैन ने किया था। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने हल्का व्यायाम किया उनके बच्चों का अन्य महिलाओं के बच्चों की तुलना में वजन कुछ कम रहा।



शोध निष्कर्ष के आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि भारी और मोटी औरतों के नवजात बच्चे का आकार औसत से बड़ा होने की अधिक संभावना होती है और इन बच्चों को जीवन में आगे चलकर स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए खासकर ऐसी महिलाओं को एक्सरसाइज करनी चाहिए।

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