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Wednesday, February 17, 2010

होली में रखें त्वचा का ध्यान


होली आई रे..........

आरती कुमार
रंगों का त्योहार होली की खुमारी धीरे-धीरे लोगों पर चढऩे लगा है। हिंदू पंचाग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। दरअसल इसी दिन साल में पहली बार अबीर और गुलाल लगाया जाता है। रंगों का त्योहार होली खेलना तो हर कोई चाहता है, लेकिन डर केवल इस बात का होता है कि होली खेलने के दौरान रंगों से शरीर की त्वचा न खराब हो जाए। हालांकि यह डर महिलाओं को कुछ ज्यादा ही सताता है। इसलिए मन मारकर वह होली नहीं खेलती हैं।

और जो खेलती भी हैं, वह यह डर-डरकर खेलती हैं कि कहीं उनकी त्वचा न खराब हो जाए। जिससे होली का सारा मजा किरकिरा हो जाता है। होली की मस्ती बरकरार रखने के लिए जरूरी है इसे सही ढंग से खेला जाए।


महिलाओं के इसी डर को दूर करने के लिए झाझा (बिहार) से हमारी पाठक आरती कुमार ने हमें यह टिप्स भेजा है। इन टिप्स को अपनाएं। और खुल कर होली खेलने का लुफ्त उठाएं।

होली खेलने के आधे घंटे पहले अपने शरीर के खुले हिस्सों पर कोल्ड क्रीम, वैसलीन या तेल लगाएं। (सरसों तेल, ऑलिव ऑयल या नारियल तेल लगाने से त्वचा पर रंगों की पकड़ हल्की हो जाती है जिससे रंग आसानी से निकल जाता है। )

अक्सर महिलाएं होली खेलते समय शरीर का तो ध्यान रखती हैं, लेकिन नाखून पर ध्यान नहीं देती हैं। जो कि शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इसलिए इस पर ध्यान दिया जाना उतना ही जरूरी है। रंगो से नाखूनों को बचाने के लिए उन पर नेलपॉलिश लगा लें। हो सके तो रंग खेलने से पहले नाखून काट लें।

होली खेलने के दौरान अक्सर खींचतान में कपड़े की सिलाई खुलने या फटने का डर होता है। इसलिए ध्यान रखें कि कपड़े ज्यादा पुराने भी न हों कि आपको शर्मिदगी उठानी पड़े। पूरे बदन को ढंकने वाले कपड़े जैसे कि सलवार -सूट, जींस-पैंट ही पहनें। इससे काफी हद तक शरीर का रंगों से बचाव हो जाता है।

ध्यान दें, चूंकि होली में पानी का ज्यादा प्रयोग होता है। इसलिए होली के दिन या उसके आसपास सफेद या हल्के रंग के कपड़े इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि पानी में भींग कर यह पारदर्शी हो जाता है। जिससे आपको शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है। विशेषकर महिलाएं इन बातों का जरूर ध्यान रखें। इस दौरान गहरे रंग वाले कपड़े ही पहनें।


अपनी ज्वेलरी उतार कर ही होली खेलें। क्योंकि होली के छेड़-छाड़ में ज्वेलरी गिरने और रंग पडऩे से इसके खराब होने का भी चांस ज्यादा होता है।

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